Sad Shayari in Hindi
क्यूँ रखूं मैं अब अपनी कलम में स्याही,
जब कोई अरमान दिल में मचलता ही नहीं,
ना जाने क्यूँ सभी शक करते है मुझ पर,
जब कोई सुखा फूल मेरी किताब में मिलता ही नहीं.
क्यूँ रखूं मैं अब अपनी कलम में स्याही,
जब कोई अरमान दिल में मचलता ही नहीं,
ना जाने क्यूँ सभी शक करते है मुझ पर,
जब कोई सुखा फूल मेरी किताब में मिलता ही नहीं.